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लेखनी प्रतियोगिता -13-Sep-2022 कृष्ण कन्हैया

कृष्ण कन्हैया



मथुरा से गोकुल में जो आया वो कान्हा है

उदासी के मंजर में खुशियाँ लाया कान्हा है


मची धूम गोकुल में नंद घर कान्हा आया है

यशोदा के आँगन में खेल दिखाते कान्हा हैं


हर्षित हो देवों ने गोकुल में पुष्प बरसाया है

बज रहे ढोल नगाड़े गोकुल में आया कान्हा हैं


महादेव भी आए यशोदा के द्वार जो कान्हा हैं

कृष्ण दरस की लिए आस मन उमंग कान्हा है


यशोदा की गोद में जग का पालन हारा आया है

जो दुनिया को नचाया उसे गोपियों ने नचाया है


वो नटवर नागर नंद का लाला  नटखट कान्हा है

ग्वालों संग माखन चुरा मटकी फोड़ता कान्हा है


त्रिभुवनपति सुदर्शन धारी लीलाधर कान्हा है

यमुना तीरे मुरली मनोहर बजाता कान्हा है


स्वरचित एवं मौलिक रचना


     अनुराधा प्रियदर्शिनी

     प्रयागराज उत्तर प्रदेश


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6 Comments

Abhinav ji

14-Sep-2022 08:38 AM

Very nice👍

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Punam verma

14-Sep-2022 07:51 AM

Very nice

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बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

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